हमारे बारे में
यह संस्था भारत के सभी राज्यों मे कार्यरत लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बना चुकी है। इसके के द्वारा लोगों मे शान्ति, विश्वास, आत्मनिर्भता, स्वास्थ जागरूकता, रोजगार, आदि कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को बेहतर समाज का रूप दे रही है। “जब तक हमारे पास तनाव मुक्त मन और हिंसा रहित समाज नहीं होगा, तब- तक हम विश्व शांति स्थापित नहीं कर सकते हैं। नौजवानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एवं स्वास्थ के प्रति जागरूक करने के लिए संस्था द्वारा सभी प्रदेशों मे अनेको-अनेक कार्यक्रम के माध्यम से जागरूकता का संचार किया जा रहा है । लाखों लोगों द्वारा कार्यक्रम के माध्यम से स्वयं को क्रियावन्तित करके आत्मनिर्भता की तरफ बढ़ रहे हैं। कार्यक्रम का मूल उद्देश्य होता है कि लोगों मे नाकारात्मकता को खत्म करके साकारात्मकता का सृजन किया जाये, जिससे एक समृद्ध समाज का निर्माण हो सके। एक समृद्ध समाज ही देश को समृद्ध बनाता है । संस्था की विचारधारा भारत वर्ष को आत्म निर्भर भारत एवं सशक्त भारत के रूप में मजबूत करना है। प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान ने भारत के सभी समुदायों मे विभिन्न मानवतावादी कार्यक्रमों के द्वारा शांति स्थापित करके आत्मनिर्भता की पहल की है, जिसमे सम्मलित है समाधान, आपदा निवारण, स्थिर ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, सब के लिये शिक्षा और पर्यावरण स्थिरता।
सहयोगी संस्थाए-
प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान के कुछ 500 से ज्यादा संस्थाएं हमारे साथ सहयोगी कि तरह कार्य कर रही हैं। जिनका दृष्टिकोण भी तनाव मुक्त और हिंसा रहित समाज में फैली कुरूतीयों को दूर कर , देश प्रदेश समाज को मजबूत और ससंख्त कर रोजगार से परिपूर्ण बनाना है। जिसमे भारत के इतिहास को दर्शन के माध्यम से लोगो में विज्ञान का प्रचार करने वाली संस्था सनातन दर्शन,महिमा करियर इन्स्टीट्यूट, भूधरा फाउण्डेशन, संकल्प सेवा संस्थान, सत्य समर्पण, कला संस्थान, शिल्पी महिला सेवा संस्थान मानव जीवन के अधिकारो पर सर्वे कर रही संस्था भारतीय मानव विकास संस्था, स्वास्थ के विषय पर कार्य कर रही संस्था वेलफेयर हेल्थ आर्गेनाइजेशन इत्यादि कई सारी संस्थाओं द्वारा मानवतावादी योजनाओं को तैयार करके प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान को क्रियावन्तित करने के लिए प्रेरित कर रही हैं। PMJKYJA सभी संस्थाओं के विचारो को सजो कर देश के लिए बेहतर समाजिक संरचना को तैयार कर रहा है ।
संगठनात्मक संरचना
प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान एक बहुआयामी संगठन है जिसकी भारत भर मे सबसे अधिक स्वयं सेवी लोग जुड़े हुये हैं। इसका राष्ट्रीय कार्यालय दिल्ली में स्थित है। प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान के सदस्यों की परिसीमा दो वर्ष तक की गई निर्धारित है। प्रत्येक दो वर्ष के के बाद संस्था स्थानीय न्यासों के प्रतिनिधि बदल जाते हैं।
प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान प्रशिक्षण प्रमुख, और संरक्षक को नवीनतम बोर्ड को नामोमित करने की अनुमति है। संस्था मे एक सलाहकारी बोर्ड की व्यवस्था है जो सारी संस्थान का ध्यान रखती है और उसे निर्देशित करती है। सभी लेखायों को बाहारी निरक्षक द्वारा निरंतर जांच करवाई जाती है। खर्चे के आलावा कोई भी न्यासधारियों को किसी भी प्रकार की सैलरी नहीं मिलती है। प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान के कार्यक्रम सिर्फ और सिर्फ मानवतावादी मुद्दों एवं आत्मनिर्भता एवं स्वाथ्य जागरूकता पर आधारित होते है। संस्था स्वदेशी को बढ़ाने के उदेदश्य से देशी एवं आयुर्वेदिक सामाग्री, स्वयं सहायता समूह के द्वारा तैयार सामग्री को अपने माध्यम से देश विदेश में प्रचारित एवं प्रसारित करती है। मुख्य रूप से बेरोजगार नौजवानो को रोजगार हेतु प्रशिक्षण एवं धनराशि की व्यवस्था करती है जिससे नौजवान स्वयं का व्यवसाय करके आत्म निर्भर बन सके। संस्था देश के विकास एवं जागरूकता के लिए पूर्ण रूप से समर्पित है।
युवा नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम (यूथ लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम)
यह हमारा युवाओं का सशक्तिकरण करने का एक आदर्श नमूना है। और हम लोगों के जीवन में सुखद परिवर्तन लाने में सहायक हैं। विश्वभर में भारत एक ऐसा देश है जिसकी आबादी में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा हैं। भारत की आबादी का चालीस प्रतिशत हिस्सा नवयुवक हैं। हमारे युवा प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षण पाने के बाद दूसरों के लिए एक आदर्श स्थापित करते हैं। हमारे व्यवहारिक प्रशिक्षण के सत्र ग्रामीण और आदिवासी समुदाय के युवक और युवतियों को सामाजिक और आर्थिक स्तर पर आत्मनिर्भर बनाते हैं। उनके अंदर अपने जीवन में एक सुखद बदलाव लाने का और कुछ नया करने का आत्मविश्वास,उत्साह और एक नई ऊर्जा का जागरण होता है। यह प्रशिक्षण पाने के बाद उनकी मानसिक क्षमता और व्यवसायिक कौशलता का विकास होता है। इसके के द्वारा उन में मानवीय मूल्यों का पुनर्जागरण होता है और प्राकृतिक संसधानों के दीर्घकालीन संचालन के प्रति संवेदनशीलता भी उत्तपन होती है।
5400 शौचालय निमार्ण के लिए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से लाभ दिलाया गया है। 1000 कुओं को संस्था द्वारा पूनः आरम्भ कराया गया है। किसानो के लिए बायो गैस हेतु 200 संयंत्रों का निर्माण किया गया है। 2000 स्वछता शिविरों के माध्यम से स्वच्छ भारत अभियान को प्रचारित एवं प्रसारित किया गया। 1200 चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया गया जिनसे 22,000 लोगों को फायदा हुआ है। 48 गांवो को आदर्श गांव के रूप मे विकसित किया है। पर्यावरण हित रक्षा
प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान संगठन ने आध्यात्मिकता की बुनियाद पर सम्पूर्ण भारत वर्ष में हजारों व्यक्तियों के मनो में अपनी धरती और पर्यावरण के प्रति जागरूकता और सम्मान की भावना को विकसित किया है। मिटटी, पत्थर, चट्टानों और जल से बनी अपनी इस धरती को हम यदि एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखें तो यह अनुभव करेंगे कि हमारी धरती एक सजीव तत्व है। हमारे द्वारा किए गये पोषण और संरक्षण के प्रति यह धरती अपना आभार भी प्रकट करती है। प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान की दूर दृष्टि से प्रेरित हो कर सम्पूर्ण भारत से स्वयंसेवकों ने एकजुट होकर पर्यावरण संबंधी बहुत सी परियोजनाएं आरम्भ की हैं। जैसे कि, मिशन ग्रीन अर्थ के अंतर्गत बहुत बड़े स्तर पर वृक्षारोपण, जलसंरक्षण और जलसुरक्षा के तहत दूषित नदियों के जल की सफाई इत्यादि। बहुत ही कम पूँजी से चलाई जा रही एक योजना - रसायन मुक्त के अंतर्गत दरिद्र किसानों को खेती करने का ऐसा प्रशिक्षण दिया जाता है जो उनके लिए दोनों आर्थिक और जैविक रूप से बहुत ही उपयोगी है। भविष्य में पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए PMJKYJA इस बात को मान्यता देता है कि घरों और शिक्षा संस्थानों में युवाओं के मन में इन मूल्यों को अन्तर्निविष्ट किया जाए। बच्चों और युवाओं में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने का कार्यक्रम इस दीर्घकालीन योजना का एक अविभाज्य अंग हैं।
शिक्षा का महत्व,
प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान द्वारा प्रत्येक ग्राम सभाओ में एक स्थानीय स्वयंसेवक को नियुक्त किया जा रहा है ताकि वह बच्चों की देखभाल के साथ साथ, उनको स्वच्छता में बुनियादी सबक दे, शैक्षिक खेल सिखाये एवं भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति को उनके जीवन में संस्कार के माध्यम से समाहित करें। यह व्यवस्था बच्चों और उनके माता पिता के लिए एक बड़े आकर्षण का केंद्र बन गयी है जो आज तक जारी है। जैसे जैसे ग्रामीण विद्यालय ने प्रगति की है, उसके फलस्वरूप एक औपचारिक शैक्षणिक संस्था की संरचना हुई और छात्रों और शिक्षकों की संख्या भी बढ़ गयी है। ग्रामीण विद्यालय में स्वयं सेवक द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो एवं आदिवासी क्षेत्रो के लोगो को शिक्षा के महत्व को बताते हुए जागरूक कर रहे हैं जिससे वो लोग स्वयं के साथ साथ अपने बच्चो को शिक्षित कर सकें। संस्था द्वारा शिक्षा की क्रान्ती सूदूर क्षेत्रो मे निशुल्क भाव से लोगों को शिक्षित करने का कार्य कर रही है।
पहली पीढ़ी के छात्र संस्था द्वारा सूदूर क्षेत्रो में एवं आदिवासी क्षेत्रो में निशुल्क विद्यालय की शुरूआत कर रही है जिसमे स्वयं सेवक या स्वयं सेविका द्वारा बच्चों को शिक्षित कर रही है। पहली पीढ़ी शिक्षा का अर्थ यह है कि बच्चो को अक्षर ज्ञान एवं समाजिक संरचना के विषय में पढ़ाया जाता है। सोशल एजुकेशन के माध्यम से बच्चो मे मातापिता के प्रति सम्मान एवं समाज के लिए आदर्श कार्य करके स्वस्थ समाज की स्थापना करना। आदिवासी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के वे लोग जो शिक्षा से कोसो दूर थे उन लोगो में शिक्षा एवं उनके अधिकार के विषय में चर्चा करके उनके बच्चों को शिक्षित करना ही पहली पीढ़ी शिक्षा प्रणाली है।
विद्यालय के द्वारा सामाजिक विकास (शिक्षा) लड़कियों की शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से वरिष्ठ छात्रों को सिलाई, कंप्यूटर प्रशिक्षण और बढ़ईगीरी जैसे व्यावसायिक कौशल कार्य भी सिखाए जाते हैं एवं छात्रों को माध्यमिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। पूर्व छात्रों और स्कूल के बीच में संबंध बनाए रखने के उद्देश्य से पूर्व छात्रों की बैठकों को हाल ही में शुरू किया गया है। पूर्व छात्र अन्य छात्रों को माध्यमिक शिक्षा ग्रहण करने व अपने ध्येय में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित देने हेतु उनके साथ अपने अनुभवों को साझा करते हैं। पूर्व छात्रों के समूह शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए माता-पिता और बच्चों के साथ नियमित बैठकें आयोजित करते रहते हैं।
तनाव-मुक्त विद्यालय कोई भी ऐसे कारण जो कि बच्चों को विद्यालय जाने से रोक सकते हैं उन कारणों का निदान करने हेतु प्रशिक्षित स्वयंसेविको द्वारा विद्यार्थियों के मनोभाव को समझते हुए उनकी मानसिक तनाव को कम करके शिक्षा के प्रति जागरूक करना एक स्वस्थ शरीर और मन को सुनिश्चित करने के लिए योग, ध्यान, खेल और नृत्य, संगीत और चित्रकारी जैसी रचनात्मक गतिविधियाँ के द्वारा कार्यक्रम संचालित करना।
प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान द्वारा बच्चों के लिए कार्यक्रम विजन आफ लाईफ के द्वारा छात्रों के इन संभावित नकारात्मक प्रभावों को संबोधित करने हेतु नियमित रूप से आयोजित किया जाता है। बाह्य चिकित्सा सुविधाएं और एक चलायमान औषधालय भी उपलब्ध करवाए गये हैं। छात्रों को देश की राजनीतिक पद्धति से अवगत कराने हेतु एवं उन को नेतृत्व कुशलता से परिपूर्ण करने के लक्ष्य से छात्रों का एक मंत्री मंडल संगठित किया जाता है जिसका चुनाव छात्र गण स्वयं करते हैं इस प्रणाली के माध्यम से बच्चें भारतीय शासन की जनतांत्रिक प्रणाली के बारे में व्यवहारिक रूप से ज्ञान अर्जित करते हैं यह मंत्री मंडल लघु कक्षाओं के संचालन का दायित्व भी संभालता है और साथ साथ विद्यालय के दैनिक कार्य में योग दान भी देता है।
ग्रामीण विकास-
प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान - ग्रामीण विकास कार्यक्रम मुख्य रूप से युवाचार्यों द्वारा संचालित किया जाता है। ये युवाचार्य गावों व स्थानीय समुदायों के वो युवा हैं जिन्होंने युवा नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम या यूथ लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लिया हुआ है। यह कार्यक्रम उन्हें उनके गांवों और क्षेत्रों में उनकी जरूरतों के आधार पर परियोजनाओं को आरंभ करने के लिए कौशल, प्रेरणा और सेवा तथा नेतृत्व करने की क्षमता प्रदान करता है।
2018 से शुरु किये गये कार्यक्रम सम्पूर्ण भारत वर्ष में ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में समाज के समग्र विकास के लिये प्रयत्नरत है, लोगों को गरीबी, भुखमरी, दुख और बीमारी से मुक्ति दिलाना और उन्हें शिक्षित एवं आत्म निर्भर बनाना इस कार्यकम का मुख्य उद्देश्य है। केवल एक मजबूत आत्मनिर्भता एवं विश्वास की नींव ही स्थिर व मजबूत आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को जागृत करती है। व्यक्तिगत आंतरिक शक्ति, कौशल और नेतृत्व प्रशिक्षण का यह समिश्रण इस कार्यक्रम को दीर्घकालिक प्रभावशीलता तथा स्थिरता प्रदान करता है। संस्था के ग्रामीण विकास कार्यों के अंतर्गत मुख्य कार्यक्रम यह सुनिश्चित कराता है कि हर ग्रामीण क्षेत्र गांव में बेघरों को घर, स्वास्थ्य सुविधा (हेल्थ केयर), स्वच्छता (हाइजीन), मानवीय मूल्यों (ह्यूमन वैल्यूज) और विविधता में सामंजस्य (हार्मनी इन डाइवर्सिटी), शिक्षा उपलब्ध हो।
2018 में स्थापित आत्मनिर्भर युवा कार्यक्रम सामाजिक परिवर्तन के लिए उत्प्रेरणा का स्रोत बन गया है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत वर्ष के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में लोगो में उन्मूलन और शांति व सद्भाव सुनिश्चित करना है। कार्यक्रम सुनिश्चित करता है कि मूल स्तर पर सभी व्यक्ति और समुदाय, सामाजिक और आर्थिक दोनों ही रूप से आत्मनिर्भर हों फलस्वरूप इस कार्यक्रम का प्रभाव दीर्घकालिक तथा स्थायी है।
ग्रामीण सौर उर्जा अक्टूबर 2019 में प्रकाशमान सौर्य ऊर्जा कार्यक्रम की नींव रखी गयी थी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत के उन लगभग 37439 हजार गावों के 36 करोड़ लोगों को स्वच्छ और सस्ती सूर्य से प्राप्त बिजली उपलब्ध कराना है, जहाँ पर बिजली की सुविधा अभी तक नहीं पहुँच पायी है। इनमें से अधिकतर लोग अपनी प्रकाश व्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए मिट्टी के तेल और अन्य ईंधन पर निर्भर रहते हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए और पर्यावरण के लिए भी हानिकारक हैं अब तक, “प्रकाशमान सौर ऊर्जा” परियोजना के अंतर्गत बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ और झारखंड में 1100 ऐसे घरों के लिए सौर ऊर्जा से गृह प्रकाश व्यवस्था उपलब्ध कर 6000 से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित किया जा चुका है।
महिला सशक्तिकरण क्या है ?
नसंदेह सहजता से हर एक दिन भिन्न-भिन्न भूमिकाएं जीते हुए, महिलायें किसी भी समाज का स्तम्भ है। हमारे आस पास महिलायें, सहृदय बेटियां, संवेदनशील माताएं, सक्षम सहयोगी और अन्य कई भूमिकाओं को बड़ी कुशलता व सौम्यता से निभा रहीं है। लेकिन आज भी दुनिया के कई हिस्सों में समाज उनकी भूमिका को नजरअंदाज करता है। इसके चलते महिलाओं को बड़े पैमाने पर असमानता, उत्पीड़न, वित्तीय निर्भरता और अन्य सामाजिक बुराइयों का खामियाजा सहन करना पड़ता है। सदियों से ये बंधन महिलाओं को पेशेवर व व्यक्तिगत ऊंचाइयों को प्राप्त करने से अवरुद्ध करते रहे हैं।
महिला सशक्तिकरण का पहला कदम
श्री कौशिक जी कहते हैं कि -
“सामाजिक असमानता, पारिवारिक हिंसा, अत्याचार और आर्थिक अनिर्भरता इन सभी से महिलाओं को छूटकारा पाना है तो जरुरत है महिला सशक्तिकरण की। पहले ‘मै सक्षम हुं’ इस बात का महिलाओं ने खुद को यकीन दिलाना जरुरी है। मै एक स्त्री हुं इस आत्मग्लानी में ना रहें। जब आप आत्मग्लानी में आते हो तब आपकी ऊर्जा, उत्साह और शक्ती कम होने लगती है। शिक्षा एवं अध्यात्म योग, मनोचिन्तन का मार्ग एक हि ऐसा मार्ग है जहां आप आत्मग्लानी और अपराधी भावसे मुक्त हो सकती हो। आत्मग्लानी और अपराधी भाव - इन दोनों में हम अपने मन के छोटेपन अनुभव करते है। जिससे आप अपनी आत्मा से और दूर जाती है। खुदको दोष देना बंद कर खुद कि तारीफ करना शुरू करें। तारीफ करना दैवी गुण है, है ना?मै स्त्री हुं, अबला हुं, ऐसी सोच भी कभी मन में ना लायें। ऐसी आंतरिक असमानता से कुछ भी हासिल नही होगा। आप डंटकर खडी हो जायें, अपने अधिकार प्राप्त करने हेतू जिस क्षमताकि जरुरत है वह सब आपमें है। निःसंशय समाज में बदलाव आना भी चाहिये। लेकीन आत्मग्लानी के भाव में रहकर यह बदलाव आप नही ला सकती। श्री कौशिक जी के विचारों को ध्यान मे रखते हुए महिला शसक्तीकरण पर शुरू कर दिया है। महिलाओं मे आत्म निर्भता लाने के लिए कुटीर उद्योग, शिक्षा शक्ति, स्वास्थ्य जागरूकता आदि कार्यक्रमो के माध्यम से महिलाओं को मानसिक रूप से शक्तिशाली बनाया जा रहा है।
हमारा समग्र दृष्टिकोण प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान एक दृष्टि परिकल्पना देकर, अनुकरणीय लोगों का निर्माण कर, सामुदायिक समझ को बढ़ावा देकर और लोगों की आवाज बनकर समाज में परिवर्तन ला रहा है। प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान के भीतर एक विशिष्ट तकनीकी खंड (विभाग) है जो सामाजिक, आर्थिक व वातावरण से संबंधित मुद्दों के समग्र हल अमल में लाता है। हमारा लक्ष्य समुदाय व संसाधनों के प्रदाताओं के बीच की कड़ी बनकर परिवर्तनों को साकार करना है। समुदाय के साथ के ये संबंध हमारे सशक्तिकरण, उत्तरदायित्व और संरक्षण के प्रारूपों के साथ हमारे साझे लक्ष्यों को पाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
सशक्तिकरण प्रारूप हमारा युवा नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर कमजोर युवा , स्त्री - पुरुषों को उनके समुदाय के लीडर(नेता) के रूप में परिवर्तित कर देता है। वे बदलाव के अधिवक्ता बनकर चुनौतियों को स्वीकारने में आगे आने लगते हैं। हम इन सशक्त नेताओं के साथ उनके समुदाय के पूर्ण विकास के लिए काम करते हैं।
उत्तरदायित्व प्रारूप हम किसी भी योजना के दौरान उसके अकाउंट और क्रिया कलाप की ब्यौरेवार रपट नियमित रूप से जारी करते हैं। योजना की समाप्ति पर हम एक वित्तीय रपट जारी करते हैं, जो कहाँ और कैसे फंड(धन) का प्रयोग हुआ यह विवरण देती है। इसी समय हम योजना के बाद के प्रभावों की विश्लेषणात्मक रपट जारी करते हैं, जो योजना क्षेत्र में हमारे मार्गदर्शन से हुए बदलावों को आँकती है और योजना की प्रभाविकता को निर्धारित करती है। इस प्रकार हम भविष्य की योजनाओं को और बेहतर करने के लिए योजना के लिए आवश्यक सुधारों को समझ पाते हैं।
स्थिरता प्रारूप हमारे सशक्त सामुदायिक नेता अपने समुदाय के मार्गदर्शक बने रहकर योजनावधि के समाप्त होने पर भी योजना के प्रभावों को संरक्षित रखते हैं।
युवा सशक्तिकरण एवं कौशल कार्यशाला एक सफल व्यवसाय एवं संतुष्ट निजी जीवन - क्या दोनों मुझे प्राप्त हो सकते हैं? विशेष रूप से विद्यार्थियों एवं युवा व्यवासियों के लिए एक प्रभावशाली, युक्तिपूर्ण कार्यशाला जो निजी जीवन में बहुमुखी प्रतिष्ठा लाने के लिए रूपांकित किया गया है। यह प्राचीन ज्ञान, योग, प्राणायाम (सांस नियंत्रण), ध्यान एवं सुदर्शन क्रिया के सहज मिश्रण और सामरिक बौद्धिक आदान प्रदान से सयुंक्त है। यस़ कार्यशाला आपके जीवन के सबसे जरूरी मोड़ पर सुनिश्चित ही आपको ऊर्जित कर देगा। दुनिया के अनेक प्रमुख संस्थाओं में इसका आयोजन किया गया है।
तनावरहित व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक जीवन के सरल गणित अधिकतर, परियोजना के कार्यकाल या पढ़ाई के दौरान, ध्यान केंद्रित करने के समय तनाव का उत्पन्न होना स्वाभाविक बन जाता है (जैसे रोज की निर्धारित समय सीमा को पूरा कर पाना) ऐसे मामलों में दक्षता 50% कम हो सकती है। समय ही धन है और ये दोनों आप के हो सकते हैं जब आपका मन शांत और केंद्रित हो। युवा कार्यक्रम के माध्यम से युवाओ मे रचनात्मक व्यक्त्वि को व्यवसायिक जीवन में गढ़ दिया जाता है। ढाई घंटे तक फिल्म या टेलीविजन के सीरियल देखते समय आपका ध्यान नहीं हटाया जाता ऐसा ही ध्यान अध्ययन या कार्य पर केंद्रित हो जाए तो कैसा हो?
ऊर्जा में बढ़ावा = द्ढ़ आत्मविश्वास आत्मविश्वास की कमी एवं मंच भय तब ही होते हैं जब हमे स्वयं की क्षमताओं पर संदेह है मुझे स्वयं पर भरोसा है (आत्मविश्वास) अथवा मैं अभी कुछ करने के लिए तैयार नहीं हूँ (संदेह)। संदेह-मंद ऊर्जा की कमी की ओर संकेत करता है। ऊर्जा के स्तर को उच्च रखना ही युक्ति है। यस़ में सिखाई गई सांस की शक्तिशाली तकनीक आपके ऊर्जा को एक उच्च स्तर पर ले आएगी, जिससे व्यर्थ संदेह समाप्त हो जाएंगे एवं ढृढ़ आत्मविश्वास जागेगा।
निर्णय-क्षमता को स्पष्टतायुक्त एवं सरल बनाना यह कहना बहुत ही आसान है कि क्रोध मत करो, इर्षा महसूस मत करो, इत्यादि - परन्तु कैसे? ऐसी अवस्था में उचित निर्णय कैसे लिया जा सकता है? दैनिक भावनात्मक तनाव को अपने मन से मुक्त करने के लिए कार्यक्रम के माध्यम से आपको जागरूक किया जाता है। इससे सब स्पष्ट हो जाता है और हम सही निर्णय सहजता के साथ लेने लगते हैं।
उत्तम कार्यस्थल हेत, उत्तम कार्यस्थल हेतु कार्यक्रम सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के कर्मचारियों में तनाव का निर्मूलन, अन्तःप्रेरणा स्तर में वृद्धि तथा जीवन के सभी पहलुओं में संतुलन लाने के लिए बनाया गया है। यह कार्यक्रम व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ संघ शक्ति को भी पुष्ट करता है, जिससे टीमवर्क अच्छी होने लगती है और कार्यक्रम के बाद भी पुनः जुड़े रहने के लिए रीकनेक्ट कार्यक्रम के माध्यम से यह टीमवर्क की भावना बनी रहती है। एक सशक्त और स्वप्रेरित व्यक्ति ही एक सफल उद्योग बनाने में सहायक हो सकता है। उत्तम कार्यस्थल हेतु प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान कार्यक्रम में सिखाई गयी तकनीकों के अभ्यास से मन नियंत्रित होता है, तनाव का अंत होता है और शारीरिक अशुद्धियाँ निकल जाती हैं।
यूथ इन पॉलिटिक्स के बारे में, यूथ पॉलिटिक्स अपनी तरह का पहला देशव्यापी मंच है, जो 18 से 35 वर्ष के युवाओं को श्री अनीत कौशिक जी और प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना जागरूकता अभियान के मार्गदर्शन में सक्रिय राजनीति में भाग लेने का मौका देता है। अगली पीढ़ी के नेतृत्व को जमीनी स्तर पर प्रशिक्षित कर भारतीय राजनीतिक परिदृश्य को बदलने के दृष्टिकोण से इसकी शुरुआत की गई है।
चाहे आप एक प्रोफेशनल हो और अपने कार्यस्थल से ही शुरुआत करना चाह रहे हो, या छात्र हो और राजनीति में कदम रखने चाहते हो अथवा आप युवा हो और गाँव के युवा मुखिया/ सरपंच बनना चाहते हों, यूथ पॉलिटिक्स में आपको मौका देता हैं:
PMJKYJA उन युवा प्रोफेशनल्स के लिए एक प्लेटफॉर्म है, जो किसी राजनीतिक पार्टी के साथ जुड़े बिना देश की राजनीति एवं प्रशासन में अर्थपूर्ण योगदान देना चाहते है।
2014 से , PMJKYJA ने विविध शैक्षणिक एवं पेशेवर पृष्ठभूमि से जुड़े मेधावी युवाओं को एक साथ लाकर, उन्हें चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा बनने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया है। PMJKYJA दूरदर्शी और प्रगतिशील नेताओं के साथ काम करते हुए उनको नागरिक-केंद्रित एजेंडा स्थापित करने में और उनके साथ साझेदारी करते हुए प्रभावी तरीकों का अवधारणा और उनका कार्यान्वित करते हुए जन - जन तक ले जाता है।
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समान विचारधारा वाले युवाओं के समूह का हिस्सा बनने का मौका
PMJKYJA यह संस्था भारत के सभी राज्यों मे कार्यरत लाखो लोगो के जीवन को बेहतर बना चुकी है। इसके के द्वारा लोगो मे शान्ति, विश्वास, आत्मनिर्भता, स्वास्थ जागरूकता, रोजगार, आदि कार्यक्रमो के माध्यम से समाज को बेहतर समाज का रूप दे रही है। “जब तक हमारे पास तनाव मुक्त मन और हिंसा रहित समाज न हो, तब तक हम विश्व शांति स्थापित नहीं कर सकते। नौजवानो को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एवं समाज के प्रति जागरूक करने के लिए संस्था द्वारा सभी प्रदेशो मे अनेको-अनेक कार्यक्रम के माध्यम से जागरूकता का संचार किया जा रहा है । है ।